वक्ती विशेष अथवा पशु विशेष को लानत का शराप देना निषेध है
दो मुखी होना निंदनीय है
ग़ीबत सुनना निषेध है
उपदेशक / मुहम्मद एन्तेखाब द्वारा आशूरा के दिन उपवास का गुण